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Mathura Krishna Temple : मथुरा नगर का जितना धार्मिक दृष्टि से महत्व है उतना ही ऐतिहासिक दृष्टि से भी है देश का ऐसा कोई प्रसिद्ध तीर्थ नहीं जो मथुरा मंडल में प्रसिद्ध ना हो या मथुरा का उससे किसी न किसी प्रकार का संबंध ना हो।
मथुरा में यात्री आते हैं और प्रसिद्ध विश्राम घाट पर उन्हें यमुना पुत्र मिलते हैं जो मथुरा के पप्रसिद्ध स्थलों को परिचय देते हुए पूर्व परंपरा की रक्षा करते हैं।
Mathura Krishna Temple : विश्राम घाट
विश्राम घाट पर वाराह जी ने हिरण्याक्ष का वध कर विश्राम ग्रहण किया था। द्वापर में श्री कृष्ण ने कंस को मार कर विश्राम लिया था। वराह पुराण में विश्राम घाट को अद्वितीयतीर्थ लिखा है।
Mathura Krishna Temple: मंदिर द्वारकाधीश
श्री द्वारिकाधीश जी विश्राम घाट के समीप विशाल मंदिर में विराजमान है, वल्लभ कुल संप्रदाय के आचार्य श्री बृजभूषण लाल जी महाराज के संरक्षण में उनकी सेवा पूजा प्रचलित है।
Mathura Krishna Temple : वाराह जी मंदिर
यह वाराह जी का मंदिर है, मानिक चौक मोहल्ले में यह मंदिर बना है समीप ही श्री द्वारिकाधीश जी हैं बारह जी की मूर्ति अत्यंत प्राचीन है।
Mathura Krishna Temple : पद्मनाभ
यह मंदिर महौलीपुर मोहल्ले में विद्यमान है इसमें पदम नाभजी की मूर्ति है जिसे भगवान श्री कृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ ने अपने समय में स्थापित किया था इस मूर्ति में आधा भाग हरि का आधा भाग हर का है।
Mathura Krishna Temple : गतश्रम नारायण
यह मंदिर गतश्रम टीला मोहल्ले में है गतश्रम नारायण की मूर्ति अत्यंत प्राचीन है।
मथुरा देवी– यह मथुरा की अधिष्ठात्री देवी है। शीतलापायसा नामक स्थान में यह विद्यमान है।
Mathura Krishna Temple : दीर्घ विष्णु
यह मंदिर मनोहरपुर नामक स्थान में है।वर्तमान मंदिर का निर्माण बनारस के राजा पटनीमल ने करवाया था भगवान दीर्घ विष्णु की मूर्ति बड़ी भव्य है।मथुरा में कंस के मलों के विनाश के समय भगवान ने जो दीरघरूप धारण किया था यह उसकी परिचायिका है।
केशव देव– यह मंदिर मथुरा नगर के पश्चिम में बना हुआ है। प्राचीन मथुरा यहीं पर बसी हुई थी।भगवान श्री कृष्ण की जन्म भूमि भी यही है। कंस का कारावास यही था। इसके भगनावशेष आज इसके ज्वलंत प्रमाण है।
Mathura Krishna Temple : महाविद्या
यह मंदिर केशव देव से आगे परिक्रमा मार्ग में विद्यमान है।अपनी शैली का मथुरा में यह एक ही मंदिर है। इसमें महाविद्या की मूर्ति है। कहा जाता है कि महाविद्या की प्रतिष्ठा पांडवों ने की थी।
चामुंडा– यह मंदिर शाक्त संप्रदाय का प्रसिद्ध तीर्थ है।योनी की आकृति में चामुंडा की मूर्ति है।मूर्ति के हाथ पैर आदि अंग नहीं है।सिंदूर लेप से विशाल शिला खंड आवृत है।
Mathura Krishna Temple : गणेश जी
यह मंदिर वृंदावन मार्ग में है।यमुना तट पर एक विशाल मिट्टी के शिखर पर मंदिर निर्मित है। गणेश जी की बुद्धिमत्ता का यह परिचायक है।
गोकर्णनाथ– मथुरा की प्राचीन मूर्तियों में गोकर्णनाथ भी विलक्षण है। यह शिवजी की प्रतिमा है। हाथ में कुंडी सोटा लिया है। इस प्रकार का चिन्ह भारत में अन्यत्र कहीं नहीं है।
Mathura Krishna Temple : भूतेश्वर महादेव-
भूतेश्वर महादेव मथुरा पुरी के कोटपाल है।मथुरा के संकल्प में प्रत्येक व्यक्ति आज भी भूतेश्वर क्षेत्र कहकर इनका स्मरण करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों:
मथुरा कृष्ण मंदिर के प्रमुख धार्मिक आयोजन क्या हैं?
मथुरा कृष्ण मंदिर में जन्माष्टमी और होली जैसे प्रमुख हिन्दू त्योहारों के आयोजन किए जाते हैं। इन आयोजनों में भगवान कृष्ण के जीवन के महत्वपूर्ण घटनाओं का महत्वपूर्ण पाठ किया जाता है।
मथुरा कृष्ण मंदिर का इतिहास क्या है?
मथुरा कृष्ण मंदिर का इतिहास कार्यक्रम कृष्ण जन्म के स्थल के रूप में भगवान कृष्ण के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसे वास्तुकला और भक्ति आन्दोलनों का एक महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है।
मथुरा कृष्ण मंदिर का दर्शन कब किए जा सकते हैं?
मथुरा कृष्ण मंदिर प्रतिदिन दर्शन के लिए खुला है। यहां श्रद्धालु विशेष पूजा और आराधना कर सकते हैं।
मथुरा कृष्ण मंदिर की अन्य महत्वपूर्ण स्थल क्या हैं?
मथुरा कृष्ण मंदिर के अलावा, वहां देवकी कुंड, यशोदा कुंड, और वृंदावन भी महत्वपूर्ण हैं, जो भगवान कृष्ण के जीवन के संबंधित स्थल हैं।