कलयुग के खत्म होने के बाद, सतयुग की शुरुआत होगी, जिसका सांदर्भिक अर्थ होता है कि अच्छाई और नैतिकता का युग आएगा
कुछ लोग मानते हैं कि कलयुग के अंत के साथ, भगवान अपने अवतार में पुनः पृथ्वी पर आएंगे
कलयुग के अंत के नजदीक आने पर, बुराई और अधर्म के संकेत बढ़ जाते हैं.
कुछ धार्मिक ग्रंथों में कहा जाता है कि कलयुग की दीर्घायु होती है और इसका अवधान करीब 4,32,000 वर्ष है
ज्योतिष शास्त्र में भी कलयुग के समापन के संकेतों का उल्लेख किया गया है, जिसमें ग्रहों के स्थिति का महत्व होता है
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